* शाम के भोजन के बाद अपने परिवार के साथ आसपास ही कहीं घूम आइए।
* बैठे-बैठे टी.वी. न देखते रहिए। टी.वी. 'मोटों' का दुश्मन है। यह आपकी कैलरी नहीं खाता, सिर्फ आपका समय खाता है (आपका दिमाग तो खाता ही खाता है!)।
* बच्चों को खेलते हुए सिर्फ देखिए ही नहीं, उनके साथ कभी-कभी खुद खेलिए भी।
* कोने की दुकान पर ही नहीं, अगली कॉलोनी के ब्यूटी सैलून अथवा सुपर मार्केट के लिए पैदल ही रवाना होइए। बात-बात में ऑटोमोबाइल का मुँह न देखिए (बशर्ते यह 'भर धूप' का समय न हो और आप माइग्रेन के पेशेंट न हों!)।
* सप्ताहांत में अपना स्कूटर या अपनी कार खुद धोइए। बगीचे में निंदाई-गुढ़ाई करिए। एक फटकनी लेकर घर की 'झड़का-फड़की' करिए। कुछ नहीं तो बैठकर एलबम में फोटो लगाइए। यह रिमोट कंट्रोल लेकर टी.वी. के सामने पसरे रहने से ज्यादा हितकारी होगा।
* कभी-कभी मित्रों के साथ बैडमिंटन जैसा आउटडोर गेम भी खेलिए। कभी-कभी क्रिकेट के चौके-छक्के लगाइए।
कोने की दुकान पर ही नहीं, अगली कॉलोनी के ब्यूटी सैलून अथवा सुपर मार्केट के लिए पैदल ही रवाना होइए। बात-बात में ऑटोमोबाइल का मुँह न देखिए (बशर्ते यह 'भर धूप' का समय न हो और आप माइग्रेन के पेशेंट न हों!)।
* नहाने के बाद अपना तौलिया बिस्तर पर फेंकने के बजाए धूप में सुखा आइए, उठने के बाद अपने बिस्तर स्वयं तह करिए, पानी किसी से माँगने के बजाए खुद उठकर फ्रिज तक जाइए।
* लिफ्ट के बजाए सीढ़ियों का उपयोग करिए (बशर्ते आप किसी गगनचुंबी इमारत के चौदहवें माले पर न रहते हों!)।
* मकान इक्का-दुक्का मंजिल वाला हो, तब भी दिन में कई मर्तबा सीढ़ियाँ चढ़ने-उतरने से गुरेज न करिए (बशर्ते आपके 'घुटनों के डॉक्टर' ने मना न किया हो!)।
आप नहीं जानते, देखने में छोटी ये बातें आपकी अतिरिक्त एनर्जी खर्च करवाने में कितनी बड़ी उस्ताद हैं।
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very good
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